परिचय
भारत सरकार द्वारा हर साल प्रस्तुत किया जाने वाला आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) देश की आर्थिक स्थिति का व्यापक आकलन करता है और आगामी बजट के लिए नीति निर्माण का आधार प्रदान करता है। यह रिपोर्ट देश की आर्थिक प्रगति, विभिन्न क्षेत्रों की वृद्धि, और विकास की प्रमुख चुनौतियों को दर्शाती है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024 में भारत की आर्थिक वृद्धि, निवेश, रोजगार, मुद्रास्फीति, कृषि, औद्योगिक विकास, डिजिटल अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचा और पर्यावरणीय नीतियों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है।
1. भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति
1.1 सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर
भारत की GDP वृद्धि दर 2023-24 में ___% दर्ज की गई, जो वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद एक मजबूत प्रदर्शन है। यह वृद्धि निम्नलिखित कारकों पर आधारित थी:
- निजी खपत: भारतीय उपभोक्ताओं की बढ़ती क्रय शक्ति और मांग ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया।
- सरकारी व्यय: सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और कल्याणकारी योजनाओं पर अधिक खर्च किया गया।
- निर्यात एवं व्यापार: वैश्विक बाजार में भारतीय वस्तुओं और सेवाओं की मांग में वृद्धि हुई।
- नवाचार एवं स्टार्टअप: स्टार्टअप इकोसिस्टम और उद्यमिता में सुधार से आर्थिक गतिशीलता बढ़ी।
1.2 आगामी वर्ष के लिए GDP पूर्वानुमान
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की GDP वृद्धि दर को ___% तक रहने का अनुमान लगाया गया है। यह वृद्धि मुख्य रूप से डिजिटल अर्थव्यवस्था, मेक इन इंडिया, और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं पर आधारित होगी।
2. मुद्रास्फीति और मूल्य स्थिरता
2.1 मुद्रास्फीति की दर
2023-24 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति ___% रही, जो सरकार की नीतिगत उपायों और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार के कारण नियंत्रित रही।
- खाद्य मुद्रास्फीति: अनाज, दालें, सब्जियाँ और दूध की कीमतों में वृद्धि से उपभोक्ता खर्च प्रभावित हुआ।
- ईंधन एवं ऊर्जा मूल्य: पेट्रोल-डीजल के दामों में अस्थिरता का असर महंगाई पर पड़ा।
- आवास और परिवहन: शहरीकरण के चलते रियल एस्टेट और सार्वजनिक परिवहन सेवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी हुई।
2.2 मुद्रास्फीति नियंत्रण के उपाय
- मौद्रिक नीति: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट और अन्य नीतियों के माध्यम से मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया।
- आपूर्ति श्रृंखला में सुधार: सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएँ शुरू कीं।
- प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण: किसानों और गरीब वर्ग को वित्तीय सहायता प्रदान कर उनकी क्रय शक्ति बनाए रखने के उपाय किए गए।
3. रोजगार और श्रम बाजार
3.1 बेरोजगारी दर में सुधार
भारत की बेरोजगारी दर वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर ___% रह गई। यह सुधार विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन की वजह से संभव हुआ, जैसे कि:
- स्टार्टअप और उद्यमिता: नए स्टार्टअप के बढ़ने से युवाओं को अधिक रोजगार मिला।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और निर्माण: राजमार्ग, रेलवे, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में रोजगार के अवसर बढ़े।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था: IT, e-commerce, और डिजिटल सेवाओं में नौकरियों की संख्या बढ़ी।
- ग्रीन एनर्जी सेक्टर: सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में नए रोजगार उत्पन्न हुए।
3.2 रोजगार बढ़ाने के लिए सरकारी योजनाएँ
- प्रधानमंत्री रोजगार योजना: स्वरोजगार और छोटे उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज दिए गए।
- स्किल इंडिया मिशन: युवा वर्ग को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा प्रदान कर रोजगार योग्य बनाया गया।
- मनरेगा: ग्रामीण भारत में श्रम कार्यों के लिए अधिक बजट आवंटित किया गया।
4. निवेश और विदेशी मुद्रा भंडार
4.1 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2023-24 में ___% बढ़ा। यह निम्नलिखित कारणों से संभव हुआ:
- मेक इन इंडिया पहल: विनिर्माण उद्योग को आकर्षित करने के लिए नीति सुधार।
- सरलीकृत व्यापार प्रक्रिया: विदेशी निवेशकों के लिए सरल लाइसेंसिंग और स्वचालित अनुमोदन।
- डिजिटल इंडिया: तकनीकी निवेश और डेटा केंद्रों में वृद्धि।
4.2 विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2023-24 में ___ बिलियन डॉलर रहा, जो वैश्विक व्यापार संतुलन बनाए रखने के लिए पर्याप्त था।
5. कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन
5.1 कृषि विकास दर
भारत का कृषि क्षेत्र 2023-24 में ___% की दर से बढ़ा। सरकार की मदद से खाद्यान्न उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि हुई।
5.2 कृषि सुधार और सरकारी योजनाएँ
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN): किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
- फसल बीमा योजना: प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को सुरक्षा दी गई।
- माइक्रो-इरिगेशन योजनाएँ: जल संरक्षण और सिंचाई को बढ़ावा दिया गया।
6. औद्योगिक और सेवा क्षेत्र
6.1 औद्योगिक उत्पादन
- विनिर्माण क्षेत्र: उत्पादन में ___% की वृद्धि हुई, जिससे MSME सेक्टर को लाभ मिला।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर: उत्पादन इकाइयों की संख्या में बढ़ोतरी।
- ग्रीन एनर्जी सेक्टर: नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश बढ़ा।
6.2 सेवा क्षेत्र की वृद्धि
सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर ___% रही, जिसमें IT, टूरिज्म, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
7. डिजिटल अर्थव्यवस्था और टेक्नोलॉजी सेक्टर
- UPI ट्रांजैक्शन: डिजिटल भुगतान में ___% की वृद्धि हुई।
- AI और ऑटोमेशन: नई तकनीकों के माध्यम से उत्पादकता में सुधार हुआ।
- 5G और इंटरनेट कनेक्टिविटी: ग्रामीण भारत में डिजिटल क्रांति।
8. जलवायु परिवर्तन और सतत विकास
- नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन: सौर और पवन ऊर्जा में तेजी से वृद्धि हुई।
- इलेक्ट्रिक वाहन: EV सेक्टर में निवेश और नई नीतियाँ लागू हुईं।
- कार्बन उत्सर्जन कटौती: सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शुरू किया।
निष्कर्ष
अर्थव्यवस्था सर्वेक्षण 2024 भारत की आर्थिक मजबूती और विकास को दर्शाता है। सरकार की नई नीतियाँ और सुधारात्मक उपाय आने वाले वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेंगे।